अक्सर गर्म मौसम में तैलीय त्वचा वाले युवाओं को पीड़ाजनक एक्ने का अनचाहा सामना करना पड़ता है। बार-बार की सावधानियां भी इस तकलीफ को रोक नहीं पाती और पीडित झुंझला उठता है। कई बार सही जानकारी का अभाव भी एक्ने का जनक हो सकता है। आप यही उदाहरण देख लीजिए :
18 वर्षीय एक युवती के माथे पर अचानक छोटे-छोटे दाने उभर आए। बालों में कई समय से रूसी होने के कारण ये दाने हो गए थे। सौंदर्य समस्याएं कई बार सेहत से जुड़ी होती हैं। जैसा इस युवती के मामले में हुआ। दानों के उपचार के लिए उसकी त्वचा और बालों की रूसी का उपचार साथ-साथ किया, हेयर स्टाइल बदली ताकि बाल माथे पर न आएं। उसे रोज बालों को धोने की सलाह दी गई। साथ ही रूसी का उपचार भी शुरू किया गया।
हाजमा ठीक न होने से भी इस तरह की परेशानी हो सकती है। उसे रोज दिन में एक कटोरी दही खाने की सलाह दी गई। तीन महीनों के बाद उसके माथे के दाने गायब हो गए। माथे के दाने कई बार साधारण न होकर किसी संक्रमण के कारण हो सकते हैं।
हाजमा बिगड़ना भी एक कारण हो सकता है, इसके लिए भरपूर पानी पीना बहुत जरूरी है। माथे की त्वचा चेहरे की बाकी त्वचा से थोड़ी अलग होती है, वहां तेल ग्रंथियां ज्यादा होती हैं, इसलिए दाने भी सबसे पहले उभरते हैं।
इसी तरह अगर लिवर इंफेक्शन होने पर भी माथे पर दाने आ सकते हैं। हालांकि ऐसा हर बार हो ही, ऐसा जरूरी नहीं। साफ-सफाई बहुत ही महत्वपूर्ण है। अपने हाथों को दिन में कई बार साबुन से धोएं।
चेहरे को सेलिसिलिक एसिड युक्त फेस वॉश से दिन में दो बार धोएं। बालों को छोटा रखें। अगर लंबे हों तो उन्हें पीछे की ओर बांधे। ध्यान रखें कि वे चेहरे पर न आने पाएं।
- अपने हाथों को चेहरे पर कम से कम लगाएं।
- हेड बैंड्स का प्रयोग न करें, क्योंकि वे पसीना सोखते हैं।
- धूम्रपान कम करें। एक्टिव स्मोकर्स में एक्ने ज्यादा होता है।
- हेयर स्प्रे बहुत सावधानी से करें क्योंकि इससे रोम छिद्र बंद हो सकते हैं। बालों को बांध कर रखें।
ध्यान दें कि बालों से शैंपू पूरी तरह साफ हो। बालों और माथे पर शैंपू के अंश रह जाने से कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं।
अपने कॉफी के दीवाने साथी को अपने प्रति आकर्षित करने के लिए इन कॉफी फेस पैक का प्रयोग करें।
यह बनाने में आसान तो हैं ही और अमूमन कॉफी हर किसी के घर में उपलब्ध हो जाती है!
हनी-कॉफी पैक :
हमें कॉफी और शहद बहुत पसंद हैं! और दोनों को मिलाने पर सोचिए हमें कितना लाजवाब पेस्ट मिलेगा। खूबसूरत, नरम त्वचा पाने के लिए प्रत्येक की 1-1 चम्मच मिलाएं और अपने चेहरे पर लगा लें। सूखने के बाद इसे धो लें।
कोको-कॉफी पैक :
इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता है! यदि इस कॉम्बो के बारे में सोचकर आपके मुंह में पानी आ रहा है तो सोचिए ये आपके चेहरे के लिए क्या कर सकते हैं! कोको और कॉफी दोनों एंटीऑक्सीडेंट होते हैं और थोड़ा-सा शहद (एक और एंटीऑक्सीडेंट) का उपयोग करके यह पेस्ट लगाकर आप अपनी त्वचा को पोषण देने के साथ-साथ आप पूरे दिन की जमा गंदगी भी साफ कर सकेंगे...
सूखी त्वचा के लिए पैक :
कॉफी पाउडर के साथ जरा-से जैतून के तेल का मिश्रण करके आपको सूखी त्वचा के लिए एक उपयोगी उपाय मिल जाएगा। बस इस पेस्ट को अपने चेहरे पर लगा लें। पैक को सूखने न दें, गीला रहे तब ही इसे धो लें।
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कैंसर के बारे में
विश्वभर में कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसमें सबसे ज्यादा लोगों की मौत होती है। आज विश्वभर में सबसे ज्यादा मरीज इसकी चपेट में हैं। इसी कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया, ताकि इस भयावह बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता आए।
कैंसर एक ऐसी भयावह बीमारी, जिसकी चपेट में हर साल आकर हजारों लोग मौत की दहलीज पर खड़े हैं। हमारा मकसद कैंसर की बीमारी का नफा-नुकसान बताना नहीं बल्कि लोगों को इसके प्रति जागरूक करना है ताकि कोई दूसरा व्यक्ति इस बीमारी से प्रभावित न हो।
हम सभी के दिल और दिमाग में यह बीमारी मृत्यु के पर्यायवाची के रूप में अंकित हो गई है। अज्ञानता के कारण हम इस बीमारी को सही स्टेज पर नहीं पहचान पाते, जिस कारण मरीज को बचाना मुश्किल हो जाता है। यह इतनी भयावह नहीं, जितना हम मानते हैं।
कैंसर होने के मुख्य कारण : -
* उम्र का ब़ढ़ना
* किसी भी प्रकार का इरिटेशन
* तम्बाकू का सेवन
* विकिरणों का प्रभाव
* आनुवांशिकता
* शराब का सेवन
* इन्फेक्शन
* मोटापा
डब्ल्यूएचओ द्वारा तय किए लक्षण :-
विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने इस बीमारी को भयावह माना है और बताया है कि इन लक्षणों से इसे पहचाना जा सकता है।
* लंबे समय तक गले में खराश होना।
* लगातार खांसी आना।
* आहार निगलने में रुकाव होना।
* शरीर में गठान पड़ना।
* कहीं से भी पानी या रक्त बहाव होना।
* त्वचा में मस्सा या तिल में तात्कालिक परिवर्तन।
* आवाज बदल जाना।
* वजन में गिरावट होना।
* बुखार आना।
कोशिकाओं का अनियंत्रित विभाजन ही कैंसर : -
कैंसर को समझने के लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि इसके होने का कारण क्या है...?
लक्ष्मी नारायण हॉस्पिटल एण्ड कैंसर केयर के कैंसर विशेषज्ञ डॉ. आशीष गुप्ता कहते हैं कि हमारा शरीर असंख्य कोशिकाओं से बना है। यह कोशिकाएं आवश्यकता अनुरूप अत्यंत ही नियंत्रित प्रणाली के द्वारा विभाजित होती हैं और जब आवश्यकता नहीं होती है, तब यह विभाजित नहीं होतीं।
इन्हीं कोशिकाओं में कभी आनुवांशिक बदलाव आने से इनकी नियंत्रित विभाजन प्रणाली पूर्णरूप से खत्म हो जाती है और फिर हमारी कोशिकाएं असामान्य रूप से विभाजित होने लगती हैं। कोशिकाओं के इस अनियंत्रित विभाजन को हम कैंसर कहते हैं।
रक्त की धमनियों से पहुंचता अंगों में : -
कैंसर शुरुआती अवस्था में अपने प्राथमिक अंग में रहता है, धीरे-धीरे यह रक्त की धमनियों के द्वारा बहकर दूसरे अंगों में फैल जाता है। इस प्रक्रिया को मटास्टेसिस कहते हैं। यह बीमारी इसी कारण होती है।
दरअसल, कैंसर का फैलाव चार चरणों में होता है। पहली स्टेज में कैंसर शुरुआती अवस्था में अपने प्राथमिक अंग में सीमित रहता है और अंतिम चरण में यह बीमारी शरीर के दूसरे अंगों में फैल जाती है।
कैंसर शुरुआती अवस्था में अपने प्राथमिक अंग में रहता है, धीरे-धीरे यह रक्त की धमनियों के द्वारा बहकर दूसरे अंगों में फैल जाता है। इस प्रक्रिया को मटास्टेसिस कहते हैं। यह बीमारी इसी कारण होती है।
दरअसल, कैंसर का फैलाव चार चरणों में होता है। पहली स्टेज में कैंसर शुरुआती अवस्था में अपने प्राथमिक अंग में सीमित रहता है और अंतिम चरण में यह बीमारी शरीर के दूसरे अंगों में फैल जाती है।
मेरी आपसे प्रार्थना है कि अगर आप गुटका ,तम्बाकू ,सीग्रेट आदि का इस्तेमाल कर रहें है तो आज ही से बंद क्योकि इसके सेवन से आप भी अपनी अनमोल जिंदगी खो सकते है !अगर आप मेरी प्रार्थना को स्वीकार करके एक अच्छा इंसान बनेंगे तो मैं अपना प्रयाश सार्थक समझूंगा !अगर आप को मेरा सुझाव अच्छा लगे तो जरूर मेल कीजिये
यूँ रहें स्वस्थ
प्रेम में सचमुच दिल टूट जाता है!
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अक्सर यह माना जाता है कि युवावस्था में असफल
प्रेमियों का दिल टूट जाता है और वक्त से साथ टूटे हुए दिल की मरम्मत भी हो
जाती है। प्रेम असफल होने का सबसे गहरा असर व्यक्ति की मानसिकता पर पड़ता
है। असफलता इस व्यक्ति को मनोवैज्ञानिक तौर पर अपंग करती है। प्रेम में
असफल व्यक्ति अपने आपसे हारने लगता है। खुद को दूसरों से कमतर आंकने लगता
है। हाल ही में हुए शोधों से जाहिर हुआ है कि गहरे सदमे, अकेले पन के एहसास
और किसी को खोने के एहसास के दिल की सेहत पर बुरा असर पड़ता है।
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सावधान! ज्यादा बैठे रहने से होती हैं ये बीमारियां...
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लम्बे समय तक बैठने से भी हमारे शरीर में कुछ ऐसे
परिवर्तन होने लगते हैं जो कि हानिकारक होते हैं। भले ही हम इन पर गौर न कर
पाते हैं। उदाहरण के लिए अगर हम टीवी के सामने लम्बे समय तक बैठे रहते हैं
तो यह भी हानिकारक है और इससे व्यक्ति कई तरह बीमारियों का शिकार हो सकता
है।
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'किस' से होते हैं कैसे-कैसे इलाज
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आप शीर्षक पढ़कर चौंक गए होंगे कि भला 'किस' से कैसे
किसी बीमारी का इलाज हो सकता है? इसमें चौंकने की कोई बात नहीं है।
डॉक्टरों व वैज्ञानिकों ने शोध करके यह पता लगाया है कि सेक्स अनेक रोगों
की दवा भी है। जहां जीवन में सेक्स एक-दूजे के बीच सुख, आनंद, अपनापन लाता
है, वहीं एक-दूजे की हेल्थ व ब्यूटी को भी बनाए रखता है।
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'ॐ' धर्म का नहीं सेहत का भी मंत्र है
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'ॐ' किसी धर्म से जुड़ा न होकर ध्वनिमूलक है। माना जाता
है कि सृष्टि के आरंभ में केवल यही एक ध्वनि ब्रह्मांड में गूंजती थी। जब
हम 'ॐ' बोलते हैं, तो वस्तुतः हम तीन वर्णों का उच्चारण करते हैं: 'ओ', 'उ'
तथा 'म'। 'ओ' मस्तिष्क से, 'उ' हृदय से तथा 'म' नाभि (जीवन) से जुड़ा है।
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बिदा लेती ठंड के लिए टिप्स
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जाती हुई ठंड में बहुत ज्यादा गर्म पानी और ठंडे पानी
से न नहाएं बल्कि गुनगुने पानी का ही इस्तेमाल करें। ज्यादा गर्म पानी आपकी
त्वचा को हानि पहुंचा सकता है।
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डिप्रेशन से हर हाल में बचें
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डिप्रेशन या मनो अवसाद आधुनिक समाज में एक बहुप्रचलित
मानसिक रोग की श्रेणी में आता है। संभवतः समय के साथ बढ़ते घरेलू विवाद,
आपसी मतभेद, कार्य की व्यस्तता, दूसरों से आगे निकलने की होड़, अपने
मनोनुकूल कार्य का न होना, दफ्तर में अपने से ऊपर बैठे अधिकारी द्वारा
तिरस्कृत किया जाना,
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गले के रोग जानलेवा भी हो सकते हैं
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हम में से बहुतों को खासकर बच्चों को अक्सर
सर्दी-खांसी होती रहती है। यह बहुत ही साधारण बीमारी होती है व कुछ दिन
रहकर ठीक हो जाती है। यह एक सामान्य बात है, परंतु इसके दूरगामी परिणाम
भयावह होते हैं। होता गले का इंफेक्शन है, परंतु हृदय के वाल्व तथा किडनी
(गुर्दे) इसके शिकार हो सकते हैं।
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मजबूत कीजिए इम्यून सिस्टम को
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शरीर लगातार विभिन्न प्रकार की बीमारियों के वाहक
जीवाणुओं के हमले झेलता रहता है। ये हमले नाकाम तभी हो सकते हैं जब हमारे
शरीर का किला यानी हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो। इस किले को मजबूत
करना कोई ज्यादा मुश्किल नहीं है। आइए देखते हैं कैसे :
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शंख की आवाज से रोग भी भाग जाते हैं
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अगर आपको खांसी, दमा, पीलिया, ब्लडप्रेशर या दिल से
संबंधित मामूली से लेकर गंभीर बीमारी है तो इससे छुटकारा पाने का एक सरल-सा
उपाय है - शंख बजाइए और रोगों से छुटकारा पाइए।
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पार्टी के बाद अब करें खुद की सफाई
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नए साल के बाद तक चलती रहने वाली पार्टियों का सीजन अब
खत्म हो रहा है। लंबे समय तक मेकअप में रहने, ड्रिंक्स सिगरेट के धुएं के
बीच लगभग पूरी-पूरी रात बिताने के बाद शरीर की ओर भी ध्यान देने की जरूरत
है। अब वक्त है शरीर से विषैले तत्वों के निकाल बाहर करने यानी डिटॉक्स
करने का। विषैले
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संडे हो या मंडे, रोज खाओ अंडे
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नियमित रूप से एक अंडा खाने से न केवल दिनभर
स्फूर्तिवान रहा जा सकता है बल्कि इससे कुपोषण की समस्या का समाधान भी किया
जा सकता है।
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मीठी चुस्की, तनाव की छुट्टी
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एक शोध में पाया गया है कि मीठे पेय पदार्थ लोगों की
आक्रामकता को कम कर देते हैं और उन्हें बहस में उलझने से बचाते हैं क्योंकि
चीनी दिमाग को ऊर्जा प्रदान करती है जिसकी उसे आक्रोशित भावनाओं को
नियंत्रण में रखने में जरूरत होती है। इससे लोग तनावपूर्ण हालात में दूसरों
पर बरसने से परहेज करते हैं।
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